हाथ धरो फिर तुम पिता हमारे ।
हम बालक कही छूट न जा रे ॥१ ॥
दिखाने लाये हो जगका मेला ।
हँसाये रुलाये वो दिखानेवाला ॥ २ ॥
एक पल आँखे न चाहे मिटना ।
क्या क्या देखे कुछ छूट न जाना ॥ ३ ॥
चलत रुकत दौड़त पग भागे ।
चाहत है देखन क्या आगे आगे ॥ ४ ॥
तेरे होते हमें बुलाये क्यों कोई शैतान ।
बदनामी तो तेरी होगी हम तेरे संतान ॥ ६ ॥
बिना ढूंढते सामने आते बार बार ललचाते ।
बुरा करते फिर पछताते ऐसा हम क्यों होते ॥ ७ ॥
तेरा छोड़ू किसका पकड़ू भीड़ बड़ी दुनोयामे ।
गायब हो कहा प्रभु तुम आवत ना समझमें ॥ ८ ॥
कान सुनत रहे कंठ गावत जहां हो तेरा सूर ।
सुनीको अनसुनी कर दो जहाँ हुए बेसूर ॥ ९ ॥
डर पावत है खो जावत है बालक है हम तेरे ।
बार बार फिर हाथ पकड़ ले मालिक तुम हमारे ॥ १० ॥
हम बालक कही छूट न जा रे ॥१ ॥
दिखाने लाये हो जगका मेला ।
हँसाये रुलाये वो दिखानेवाला ॥ २ ॥
एक पल आँखे न चाहे मिटना ।
क्या क्या देखे कुछ छूट न जाना ॥ ३ ॥
चलत रुकत दौड़त पग भागे ।
चाहत है देखन क्या आगे आगे ॥ ४ ॥
तेरे होते हमें बुलाये क्यों कोई शैतान ।
बदनामी तो तेरी होगी हम तेरे संतान ॥ ६ ॥
बुरा करते फिर पछताते ऐसा हम क्यों होते ॥ ७ ॥
तेरा छोड़ू किसका पकड़ू भीड़ बड़ी दुनोयामे ।
गायब हो कहा प्रभु तुम आवत ना समझमें ॥ ८ ॥
कान सुनत रहे कंठ गावत जहां हो तेरा सूर ।
सुनीको अनसुनी कर दो जहाँ हुए बेसूर ॥ ९ ॥
डर पावत है खो जावत है बालक है हम तेरे ।
बार बार फिर हाथ पकड़ ले मालिक तुम हमारे ॥ १० ॥
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