श्रीगणेशजी हासत , गावत , नाचत , दौड़त आये || धृ ||
रिद्धि सिद्धि गण सहित आनंद मंगल गाये || १ ||
हरसाल इंतज़ार करत आंखोमे आस लगाये || २ ||
वादे मुरादे सपने अपने सफल पुरे हो जाये || ३ ||
सकल कला सबन विद्या जो चाहे मनसे पाये || ४ ||
शुद्धः आद्य शुद्धः मध्य सफल कार्य कराये || ५ ||
श्रीगणेशजी हासत , गावत , नाचत , दौड़त आये || धृ ||
राग झिंझोटी
रिद्धि सिद्धि गण सहित आनंद मंगल गाये || १ ||
हरसाल इंतज़ार करत आंखोमे आस लगाये || २ ||
वादे मुरादे सपने अपने सफल पुरे हो जाये || ३ ||
सकल कला सबन विद्या जो चाहे मनसे पाये || ४ ||
शुद्धः आद्य शुद्धः मध्य सफल कार्य कराये || ५ ||
श्रीगणेशजी हासत , गावत , नाचत , दौड़त आये || धृ ||
राग झिंझोटी