Saturday, August 26, 2017

श्रीगणेशजी

श्रीगणेशजी हासत , गावत , नाचत , दौड़त आये || धृ || 

रिद्धि सिद्धि गण सहित आनंद मंगल गाये || १  || 

हरसाल इंतज़ार करत आंखोमे आस लगाये || २ || 

वादे मुरादे सपने अपने सफल पुरे हो जाये  || ३  || 

सकल कला सबन विद्या जो चाहे मनसे पाये || ४ || 

शुद्धः आद्य शुद्धः मध्य सफल कार्य कराये  || ५  || 

श्रीगणेशजी हासत , गावत , नाचत , दौड़त आये || धृ || 

राग झिंझोटी 




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