कपड़े अपने कर लो सीधे l गर तू है माँ या राधे ll
नासिकमे है आया मेला l जिससे तुज़े बाहर निकाला ll
खुब जमा होंगे साधु नंगे l कहलायेंगे वो तुमसे चंगे ll
घुस जा उनमे हो शामिल l हिलाके कमर कह दे आ मिल ll
सब मिल कर दो मैली धारा l कलयुग जो है आन पधारा ll
इससे ज्यादा करू बुराई l मैली होगी मेरी स्याही ll
इसलिये इतना काफी है l बाकि सबकुछ माफ़ी है ll
भगवान इनका भला करें l
नासिकमे है आया मेला l जिससे तुज़े बाहर निकाला ll
खुब जमा होंगे साधु नंगे l कहलायेंगे वो तुमसे चंगे ll
घुस जा उनमे हो शामिल l हिलाके कमर कह दे आ मिल ll
सब मिल कर दो मैली धारा l कलयुग जो है आन पधारा ll
इससे ज्यादा करू बुराई l मैली होगी मेरी स्याही ll
इसलिये इतना काफी है l बाकि सबकुछ माफ़ी है ll
भगवान इनका भला करें l
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