अक्सर आकर फसते | रिश्ते हो या रास्ते || १ ||
कुछ पैदाइशी होते | कुछ आपनहि बनाते ||२||
कभी चलते कभी रुकते | पीछे मुड़के देखते || ३||
खुदपेहि खुश होते | थोड़ा बहुत पछताते || ४||
क्या खोया क्या पाया | हिसाब लगाए रहते || ५ ||
कभी मोड़ देते तो | कभी ख़त्म कर देते || ६||
जभी अपना मानते | वापस नहीं छोड़ते || ७||
खुदबखुद चलते नहीं | दोनों चलाने पड़ते ||८ ||
दोनोंका अंत नहीं | ये क्यूँ नहीं समज़ते || ९ |
दिमागसे भले जानते | दिलसे कहाँ मानते || १० ||
राह राहबर दोनों गुजरते | फिर याद किसको आते || ११ ||
सदियोंसे यही आया चलते | सिर्फ ग्यानी पार लगाते || १२ ||
कुछ पैदाइशी होते | कुछ आपनहि बनाते ||२||
कभी चलते कभी रुकते | पीछे मुड़के देखते || ३||
खुदपेहि खुश होते | थोड़ा बहुत पछताते || ४||
क्या खोया क्या पाया | हिसाब लगाए रहते || ५ ||
कभी मोड़ देते तो | कभी ख़त्म कर देते || ६||
जभी अपना मानते | वापस नहीं छोड़ते || ७||
खुदबखुद चलते नहीं | दोनों चलाने पड़ते ||८ ||
दोनोंका अंत नहीं | ये क्यूँ नहीं समज़ते || ९ |
दिमागसे भले जानते | दिलसे कहाँ मानते || १० ||
राह राहबर दोनों गुजरते | फिर याद किसको आते || ११ ||
सदियोंसे यही आया चलते | सिर्फ ग्यानी पार लगाते || १२ ||
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